Rewa MP: सीएम के हाथों मई में लोकार्पित हुए 14.56 करोड़ की लागत से निर्मित फ्लाई ओवर के उड़ने लगे चीथड़े।
Rewa MP: सीएम के हाथों मई में लोकार्पित हुए 14.56 करोड़ की लागत से निर्मित फ्लाई ओवर के उड़ने लगे चीथड़े।
संविदाकार को ब्लैकलिस्टेड और विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग।
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विराट वसुंधरा
रीवा जिले के मनगवां बाईपास में नवनिर्मित फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की परतें पहली बरसात में ही खुलने लगी है बता दें कि यह फ्लाई ओवर ब्रिज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के अथक प्रयासों से निर्मित हुआ है इस जगह पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती थी लोगों की मांग पर सड़क दुर्घटना रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 14 करोड़ से अधिक की लागत से फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण कराया था और बीते मई माह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा इसका लोकार्पण किया गया था हालांकि जब फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण हो रहा था उस दौरान क्षेत्रीय विधायक इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सरकार को पत्र भी लिखा गया था और यह आरोप लगाया गया था की निर्माण कार्य में न सिर्फ देरी हो रही है बल्कि गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है।
बीते वर्ष फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण हुआ और अब पहले ही बरसात में सड़क की परतें उधड़ने लगी हैं। कई जगह गड्ढे हो गए हैं समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बाद संविदा कार द्वारा लीपापोती शुरू करवा दी गई है जहां सड़क की परत उखड़ रही है वहां मोरम गिट्टी का लेप किया जा रहा है अब सवाल यह उठता है कि जब पहले ही साल में फ्लाई ओवर ब्रिज की यह हालत है तब आगे आने वाले वर्षों में क्या हालत होगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
इस मामले में समाजसेवी एड मानवेंद्र द्विवेदी द्वारा मनगवां फ्लाई ओवर के घटिया निर्माण और किए गए भ्रष्टाचार तथा इसमें संलिप्त अधिकारियों और संविदाकार के विरूद्ध लोकधन को क्षति कारित करने और आम लोगों का जीवन संकट में डालने का प्रकरण दर्ज कराने बीते दिन पुलिस अधीक्षक ई ओ डब्ल्यू श्री अरविन्द सिंह को पत्र सौंपा गया है पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू द्वारा एडवोकेट मानवेंद्र द्विवेदी की शिकायत पर जांच करने का आश्वासन दिया है। श्री द्विवेदी द्वारा इस पूरे मामले में संविदाकार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए ब्लैकलिस्टेड किए जाने तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करते हुए आर्थिक क्षति की वसूली किए जाने की मांग की गई है।